प्रियंका इस व़क्त अभिनेत्री के तौर पर तो छाई ही हैं, लेकिन पर्दे के इतर भी उनकी चर्चाएं जोरों पर हैं। बहरहाल, इंडस्ट्री में उनके कई दोस्त भी हैं, पर वे कहती हैं कि वास्तव में जिसे हम दोस्ती कहते हैं, वह इंडस्ट्री के बाहर ही हो सकती है.
Bollywood Masala Interview Priyanka Chopra
फ़ैशन’, ‘दोस्ताना’ और हालिया रिलीज़ ‘कमीने’ की कामयाबी के साथ प्रियंका चोपड़ा की ग्रह-दशा ठीक चल रही है। अब निर्देशक आशुतोष गोवारीकर की फिल्म ‘व्हाट्स योर राशि’, प्रियंका की अगली रिलीज़ फिल्म है, जिसमें निभाए बारह अलग-अलग चरित्रों के लिए प्रियंका का नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में आ सकता है। प्रियंका चोपड़ा फिल्म इंडस्ट्री में अपने व्यावसायिक संबंधों को लेकर काफ़ी आशान्वित हैं। करियर और नई फिल्म को लेकर प्रियंका से हुई ताजा बातचीत-
नई फिल्म रिलीज़ होने के अवसर पर किस तरह की मन:स्थिति रहती है?
रिलीज पर मुझे हर फिल्म नर्वस करती है। फिल्म का रिजल्ट क्या मिलेगा, यह कम से कम मुझे तो पता नहीं होता। मैंने तो पहले फिल्म ‘फ़ैशन’ के लिए मना ही कर दिया था। पर बाद में रॉनी स्क्रूवाला (निर्माता) ने काफ़ी आग्रह किया, तब मैं वह फिल्म करने को तैयार हुई थी।
व्हाट्स योर राशि’ के बारे में बताइए?
यह मेरी बेहतरीन फिल्मों में से एक होगी या मैं इसे अपनी एक यादगार फिल्म कहना चाहूंगी। यह फिल्म एक गुजराती उपन्यास ‘किंबाल रैवेंसवुड’ (लेखक- मधु आर्या) पर आधारित है। फिल्म में एक ऐसे युवा की कहानी है, जिसे अपने ज्योतिषी के सुझाव पर दस दिन के अंदर शादी करनी है। इससे फिल्म की कहानी में एक हड़बड़ी, कन्फ्यूजन और मज़ेदार सीन निकलते हैं। हरमन बावेजा इसमें मेरे अपोजिट हैं।
सिंपल और ग्लैमरस में ज्यादा सहूलियत किस रोल में लगती है?
मेरे हिसाब से सिंपल रोल करना ज्यादा अच्छा और सहूलियत वाला होता है। ज्यादा मेकअप वाला या ग्लैमरस रोल करने में कई बातों का काफ़ी ध्यान रखना पड़ता है। अपने आप को मेंटेन रखना पड़ता है।
‘आइफ़ा’ के दौरान निर्देशक आशुतोष गोवारीकर ने आपकी बजाय ऐश्वर्या को पुरस्कार देने की वकालत की थी, उसकी क्या वजह मानती हैं?
वह उनका अपना विचार था। वे हमारे सीनियर एक्टर-डायरेक्टर हैं। उनके बारे में मैं कुछ कहना नहीं चाहूंगी। अवॉर्ड के बाद मेरी उनसे बातचीत हुई थी, वह कोई बहुत बड़ा इश्यु नहीं था। सब क्लीयर हो गया है।
शूटिंग के दौरान तबीयत ख़राब होने पर भी आपने शूटिंग की थी। क्या कोई दबाव था?
हां, तब काफ़ी थकावट के कारण मेरी तबीयत ख़राब हुई थी। लेकिन मैंने किसी दबाव में वह शूटिंग नहीं की थी। मैं एक संवेदनशील लड़की हूं। मुझे पता होता है कि जब एक आर्टिस्ट शूटिंग कर रहा होता है, तो उस दिन एक सौ साठ लोगों के घर के चूल्हे को आग मिलती है। निर्माता का महंगा सेट खड़ा है और आम वर्कर को काम का इंतज़ार है, तो मैं अपनी ज़रा-सी थकावट को बर्दाश्त तो कर ही सकती हूं। वह कोई बड़ी बात नहीं थी।
आप इतनी सहयोगी हैं, जबकि यह सुना गया कि संजय गढ़वी से आपने इतना अधिक पारिश्रमिक मांगा कि वह दोबारा आपके पास नहीं आए?
यह बिल्कुल ग़लत ख़बर है। क़ीमत तो मैं तब मांगती, जब मुझे फिल्म ऑफर होती। उन्होंने मुझे कोई फिल्म ऑफर ही नहीं की तो यह बात कैसे सामने आई, मैं नहीं जानती। मैं सिर्फ़ पैसों के लिए ही कोई फिल्म नहीं करती हूं, पर हां, मैं अपनी क़ीमत ज़रूर चाहती हूं।
आपकी फिल्म हरमन के साथ रिलीज़ हो रही है और अब शाहिद कपूर आपके अच्छे फ्रेंड है?
हरमन से भी पहले की कई बातें आप लोग याद कर सकते हैं। किन-किन के साथ मेरा नाम जोड़ा गया, यह मुझसे ज्यादा आप लोगों को पता है। शाहिद मेरे दोस्त हैं और एक को-एक्टर भी हैं। वे बहुत ही अच्छे एक्टर हैं। मैं तो नहीं कहती कि मेरा कभी किसी से संबंध ही नहीं रहा है। मैं भी नॉर्मल इंसान हूं। मैं भी कभी किसी से आकर्षित रही हूं।
इंडस्ट्री में इस फ्रेंडशिप ल़फ्ज़ को किस तरह लेती हैं?
हां, मुझे भी लगता है कि यह ल़फ्ज़ ‘फ्रेंडशिप’ काफ़ी ओवरयूज्ड हो गया है। दोस्त तो ज़िंदगी में सिर्फ़ दो-चार ही मिलते हैं या होते हैं। पांच भी हो जाएं तो लकी हैं, पर साथ में फिल्में देखने, काफ़ी पीने को दोस्ती नहीं कहते हैं। वास्तव में जिसे हम दोस्ती कहते हैं वह इंडस्ट्री के बाहर ही हो सकती है।
इसका मतलब है कि आप इंडस्ट्री में काफ़ी कॉफी पी चुकी हैं?
जी हां, मैं जब नई-नई आई थी, तब मेरी काफ़ी फ्रेंड्स थीं, जिनके साथ मैं फिल्में देखने गई हूं, कॉफी पीने गई हूं। बाद में मैंने महसूस किया कि वह दोस्ती नहीं, एक तरह की इनसिक्योरिटी भी है, जो दो लोगों को साथ रखे थी।
फ़िलहाल आपकी आने वाली फिल्में?
‘यशराज’ फिल्म्स की उदय चोपड़ा के साथ ‘प्यार इंपॉसिबल’ और रणबीर कपूर के साथ साजिद नाडियादवाला की मेरी आने वाली कुछ फिल्में हैं।